खगड़िया न्यूज़ एक्सक्लूसिव , 25 वर्ष पूर्व मिली थी 44 किमी लंबे रेल परियोजना की स्वीकृति, 2009 तक काम होना था पूरा परियोजना के पूर्ण होने से दरभंगा की दूरी होगी महज 70 किमी, अभी 200 किलोमीटर. 25 वर्ष पूर्व सन 1998 ई में स्वीकृत हुए खगड़िया-कुशेश्वर स्थान 44 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना को पूरा होने में अभी लंबा वक्त लगेगा। केन्द्र सरकार के आम बजट में से रेलवे को मिले बजट में से इस परियोजना के लिए मात्र 65 करोड़ ही मिला है। जबकि इस परियोजना को पूरा करने के लिए 237 करोड़ की आवश्यकता थी। ऐसे में इस महत्वपूर्ण रेल मार्ग की सुविधा शुरू होने में अभी कुछ वर्ष और लगेगा। जिससे खगड़िया सहित आसपास के लाखों लोगों में मायूसी छाई है। हालांकि 65 करोड़ के बजट से कुछ काम आगे जरूर बढ़ेगा, मगर कुशेश्वर स्थान तक रेल पटरी बिछाए जाने का सपना अधुरा ही रहेगा। बताते चलें कि खगड़िया से कुशेश्वर स्थान के बीच इन 25 वर्षों में मात्र 19 किलोमीटर खगड़िया से अलौली तक ही रेल की पटरी बिछाया गया है। जिसपर पिछले वर्ष रेलगाड़ी दौड़ाने का ट्रायल भी पूरा किया जा चुका है। जबकि खगड़िया-कुशेश्वर स्थान रेल परियोजना का 25 किलोमीटर भाग में जमीन अधिग्रहण, नदी के ऊपर पुल और पुलिया, रेल पटरी बिछाने सहित तमाम कार्य बांकी है। उल्लेखनीय है कि जब इस रेल परियोजना की शुरुआत हुई थी, तब इसके लिए 162.87 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई थी, जो अब बढ़कर 614.45 करोड़ हो गया है। 2022 में ही योजना पूरा होने की थी उम्मीद : परियोजना में देरी होने के बाद रेल मंत्रालय के तरफ से इसे वर्ष 2022 तक पूरा करने की उम्मीद जताई जा रही थी। बताते चलें कि इस रूट में 25 रेल केबिन का निर्माण होना है, लेकिन अगर काम इसी गति से चलता रहा तो अगले पांच वर्षों में भी काम के पूरा होने की कोई उम्मीद नहीं दिखती है। वर्ष 2003 में सर्वे का काम हुआ था पूरा, लेट हाेने से बढ़ता गया सरकारी खजाने पर बोझ दरअसल इस रेल परियोजना काम वर्ष 2009 तक ही पूरा कर लिया जाना था। इसके लिए वर्ष 2003 में सर्वे का काम पूरा कर लिया गया था। मगर भूमि अधिग्रहण और आवंटन के अभाव में परियोजना का काम अटक गया और फिर से वर्ष 2008 में काम शुरू हुआ। तब लोगों को लगा था कि जल्द ही इस नए रेल रूट पर रेलगाड़ी दौड़ेगी। लेकिन दोबारा कार्य शुरू होने के बाद भी यह परियोजना बजट के अभाव में अब तक अटकी गई। जिसके कारण इस रेल परियोजना की लागत राशि बढ़ने के साथ सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ता चला गया। पिछले वर्ष मिला था 47 करोड़ का बजट बहुप्रतीक्षित इस रेल परियोजना को पिछले वित्तीय वर्ष में भी बेहद कम 47 करोड़ का बजट मिला था। जबकि वर्ष 2003 ई में ही इस परियोजना का बजट बढ़कर 571 करोड़ हाे गया था। पिछले वर्ष जिले के सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने कहा था कि इस रेल परियोजना को पूर्ण कराने के लिए केन्द्र सरकार और रेल मंत्रालय का ध्यान आकृष्ट कराया गया है। उम्मीद है नए वित्तीय वर्ष में इस परियोजना को पूर्ण बजट मिलेगा। मगर इस बार भी बेहद कम बजट दिया गया है। जानकारी के अनुसार परियोजना की अंतिम स्वीकृत लागत 614.45 करोड़ रुपए है। इसलिए बजट के अभाव में यह योजना अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। परियोजना के पूरा होने की राह में और भी कई रोड़े कोसी, कमला व बागमती सहित अन्य नदियों के ऊपर से गुजरने वाली इस रेल परियोजना को पूरा होने के राह में कई अन्य रोड़े भी हैं। खगड़िया से अलौली गढ़ तक काम पूर्ण है। मगर उसके आगे नदी की धारा में कम बजट में बेहतर काम, जमीन का अधिग्रहण, आवश्यकता के अनुरूप बजट का अभाव और दिन-प्रतिदिन बढ़ती महंगाई सहित अन्य परेशानी है। जो इस परियोजना को पूरा करने में वक्त खा रहा है।

Gurudev kumar

Editor-in-chief

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