खगड़िया में एक तरफ जिला प्रशासन बाल श्रम को समाज का कलंक बताते हुए जिले में बाल श्रम उन्नमूलन काे लेकर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर इसे शत प्रतिशत प्रभावी बनाने का दावा करता है, तो वहीं जिला प्रशासन के द्वारा ही कराए जा रहे बाढ़ पूर्व तैयारी कार्यक्रम के तहत फ्लड फायटिंग वर्क में खुलेआम बाल मजदूरों का सहारा लिया जा रहा है।
जिले में अब चंद दिनों बाद बाढ़ का प्रकोप शुरू होने वाला है। इससे निपटने के लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर जगह-जगह फ्लड फायटिंग का कार्य कराया जा रहा है। जिसमें ठेकेदार के द्वारा छोटे-छोटे बच्चों के हाथों बाल मजदूरी कराया जा रहा है। बच्चों से उठवाई जा रही बोरी। गोगरी प्रखंड स्थित रामपुर गांव के समीप जीएन बांध पर कराए जा रहे फ्लड फायटिंग कार्य का जायजा लिया तो वहां भरी दोपहर कड़ी धूप में करीब एक दर्जन से अधिक बाल मजदूर के रूप में छोटे- छोटे बच्चे हाथों में कुदाल देकर संवेदक द्वारा उपलब्ध कराए गए बोरी में मिट्टी डाल रहे थे। पूछने पर बच्चों ने बताया कि उन्हें एक बोरी मिट्टी भरने का दो रुपए मिलता है। इस तरह दिनभर में सौ बोरी भरेंगे तो दो सौ रुपए मिलेगा। हालांकि मौके पर कोई अन्य मजदूर और संवेदक नजर नहीं आए। वहां मौजद बच्चों ने बताया कि ठेकेदार ने हमलोगों को काम पर रखा है, इसके बदले रुपए मिलेगा। कार्यपालक अभियंता को मालूम नहीं कौन है ठेकेदार.मामले में बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-1 के कार्यपालक अभियंता अमर सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि जीएन बांध पर जियो बैग तैयार करने के लिए बोरियों में मिट्टी डालने का कार्य कराया जा रहा है, मगर ठेकेदार कौन है इसकी मुझे जानकारी नहीं है। इसके लिए अपने अधिनस्थों से बात करना हो. वही जिला प्रशासन ने बाल श्रम उन्नमूलन काे लेकर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर इसे शत प्रतिशत प्रभावी बनाने का दावा करता है