खगड़िया जिले के परबत्ता थाना क्षेत्र से कुछ ही दुरी पर परबत्ता सीएचसी है इसी क्षेत्र के रामपुर उर्फ रहीमपुर नगर पंचायत जे तेमथा गांव के पास प्राइवेट नर्सिंग होम बाबा अजगैबीनाथ हॉस्पिटल मैं प्रसव कराने कैसे पहुचे. सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा कि 24/06/2022 को सलारपुर गांव से आशा कार्यकर्त्ता के साथ प्रशव के लेकिन परबत्ता सीएचसी लाया गया जहाँ 25/06/2022 को देर शाम तक प्रशव नहीं होने के बाद उसे स्थानीय कर्मी, आशा कर्मी एवं एंबुलेंस कर्मी के द्वारा परबत्ता सीएचसी से उसे प्राइवेट नर्सिंग होम बाबा अजगैबीनाथ हॉस्पिटल 25/06/2022 को देर रात को लाया गया था. आशा कर्मी द्वारा मृतिका के स्वजन को अच्छे अस्पताल का भरोसा दिला कर परिवार की सहमति पर महिला के स्वजन और उक्त महिला बीते 25 जून को उक्त फर्जी अस्पताल में भर्ती हुई. चिकित्सक ने रविवार की रात उसके ऑपरेशन कर के बच्चा निकाला जो लड़की है किंतु उक्त महिला ने दम तोड़ दिया.इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्राइवेट नर्सिंग होम बाबा अजगैबीनाथ को सील कर अधिकारी यह सोच रहे हैं कि हम कार्रवाई हम पूरी कर लिए हैं. लेकिन स्थानीय लोगों मे आज भी यह सवाल उठ रहे हैं की सिर्फ प्राइवेट नर्सिंग होम बाबा अजगैबीनाथ को सील कर स्थानीय सीएचसी परबत्ता से आशा कार्यकर्ता एवं स्थानीय कर्मी के द्वारा प्राइवेट नर्सिंग होम में भेजा गया था लेकिन आज तक आशा कर्मी व कर्मी के द्वारा सीएचसी से प्राइवेट नर्सिंग होम में क्यों भेजा जाता है इस पर आज तक वर्तमान प्रभारी हो या पूर्व प्रभारी हो इस पर संज्ञान नहीं लिया. वही जब एएनसी जांच के समय भी आशा कार्यकर्त्ता के द्वारा अल्ट्रासाउंड व जांच आदि प्राइवेट में कराते हैं लेकिन जब डॉक्टर साहब से सवाल जवाब किया जाता है तो डॉ साहब एक लाइन में कह कर हट जाते हैं कि मैं अल्ट्रासाउंड नहीं लिखता हूं. लेकिन मैं दावा करता हूं कि एएनसी जांच के समय अल्ट्रासाउंड व जाँच प्राइवेट मैं किया जाता है ओर कौन लिखता है। आखिर सीएचसी के कर्मी पर अधिकारी का शिकांजा क्यों नहीं चल पाते हैं क्या अधिकारी के मिली भगत से यह होता है क्या। मौके पर सिविल सर्जन डॉ अमरनाथ झा ने बताया कि दोषी कोई भी क्यों ना परबत्ता सीएचसी के कर्मी हो उस पर कार्रवाई की जाएगी इस मामले में जो भी कर्मी है उस पर प्राथमिकी भी दर्ज कराया जाएगा।