परबत्ता संवाददाता गुरुदेव कुमार पंडित।
परबत्ता/परबत्ता प्रखंड के नगर पंचायत के सिराजपुर गांव मे रविदास बैठका में बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के जयंती पर श्रद्धापूर्वक याद किया गया। कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि शिक्षक परबत्ता के चेरमैन प्रतिनिधि रंजीत कुमार साह एवं बिशेष अतिथि संजीव डोम थे। बिहार माध्यम शिक्षक संघ प्रखंड सचिव व मंच संचालक राजेश कुमार दास ने बताया कि बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश में हुआ था। प्रारंभिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर और उनके पिता मुंबई में एक ऐसे मकान में रहने गए जहां एक ही कमरे में बेहद गरीब लोग रहते थे। इसलिए दोनों के लिए एक साथ सोने की व्यवस्था नहीं थी तो बाबा साहब आंबेडकर और उनके पिता बारी-बारी से सोया करते थे। जब पिता सोते थे तो डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर दीपक की हल्की सी रोशनी में पढ़ते थे। बिहार माध्यम शिक्षक संघ प्रखंड सचिव व मंच संचालक राजेश कुमार दास ने बताया कि बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर संस्कृत पढ़ना चाहते थे लेकिन छुआछूत की वजह से संस्कृत नहीं पढ़ पाए। डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर ने वर्ष 1915 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम ए की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1917 में ही स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में दाखिला लिया। बिहार माध्यम शिक्षक संघ प्रखंड सचिव व मंच संचालक राजेश कुमार दास ने बताया कि बाबा साहब आंबेडकर 64 विषयों में मास्टर थे। इसके साथ ही उन्होंने विश्व के सभी धर्मों के बारे में पढ़ाई की। बाबा साहब का कहना था कि शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो जितना पीएगा उतना दहाड़े गा।
बाबा साहब आंबेडकर का विचार था कि मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाएं। बिहार माध्यम शिक्षक संघ प्रखंड सचिव व मंच संचालक राजेश कुमार दास ने बताया कि बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर को भारतीय संविधान का जनक भी कहा जाता है। वह भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार भी थे। उन्हें 1947 में मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया। बाबा साहब स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री भी थे। बिहार माध्यम शिक्षक संघ प्रखंड सचिव व मंच संचालक राजेश कुमार दास ने बताया कि बाबा साहब आंबेडकरजी द्वारा रचित संविधान को विश्व का कोई भी देश नकार नहीं सकता है। भारतवर्ष का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। 26 जनवरी 1949 को बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर ने संविधान को तैयार करके भारत सरकार को सौंपा और 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया।
बिहार माध्यम शिक्षक संघ प्रखंड सचिव व मंच संचालक राजेश कुमार दास ने बताया कि जातीय भेदभाव को दूर करने के लिए बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर ने 1920 के दशक में आंदोलन शुरू किया किया। बाबा साहब ने 1924 में बहिष्कृत हितकारी सभा का गठन किया। बाबा साहब ने 1927 में जातीय भेदभाव के विरुद्ध सत्याग्रह शुरू किया। प्रखंड सचिव माध्यम शिक्षक संघ व मंच संचालक राजेश कुमार दास ने बताया कि बाबा साहब चाहते तो लोभ में इस्लाम धर्म या ईसाई धर्म अपना लेते।
बाबा साहब को इस्लाम धर्म में खलीफा और ईसाई धर्म में विशप का पद दिया जा रहा था उसको ठुकरा दिए। और अंत में हिन्दू धर्म में भेदभाव का विरोध करते हुए अपने अनुयाई के साथ बौद्ध धर्म को अपना लिया। और अंतिम समय तक बौद्ध धर्म के अनुयाई रहे।
डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर का महापरिनिर्वाण 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली में हो गया। जयंती समारोह में बिहार माध्यम शिक्षक संघ प्रखंड सचिव व मंच संचालक राजेश कुमार दास , सभा की अध्यक्षत दयानन्द दास, अभय कुमार दास, शंकर दास, सिकंदर दास, गरीब दास, नवाब दास, राजीव कुमार रंजन, सरोज दास, संतोष दास, नटवर सिंह, अरुण दास अखिलेश दास, कैलाश दास, अनिल दास, मनोहर दास, अजय दास, नवीन कुमार सिंह, डॉ राजेश कुमार, रंजीत कुमार सिंह और सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।