खगड़िया/माेरकाही थाना क्षेत्र के संतोष गांव में मक्का व्यवसायी अविनाश यादव की हत्या का तार उनके चाचा पूर्व पैक्स अध्यक्ष चंदन यादव की हत्याकांड से जुड़ा हुआ है। परिजन मुंह नहीं खोल रहे हैं क्योंकि मृतक का बड़ा भाई और रंधीर यादव पुलिस की गाड़ी ही चलाता है। आक्रोशित ग्रामीणों ने घटना स्थल पर एसडीपीओ सुमित कुमार पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि यह हत्या उनकी वजह से हुई है। अगर वे अपने अनुसंधान में मृतक के चाचा पैक्स अध्यक्ष चंदन यादव हत्याकांड में मुख्य आरोपी को बरी नहीं करते तो आज उनलोगों को यह दिन नहीं देखना पड़ता। ग्रामीणों ने एसडीपीओ से मौके पर यह भी पूछा कि आखिर और कितनी हत्याएं आप कराएंगे? हालांकि एसडीपीओ उग्र भीड़ और मौके की नजाकत को समझते हुए संयम से काम लेते रहे और भीड़ के एक सवाल का जवाब नहीं दिया। घटना के बाद आक्रोशित भीड़ ने हत्याकांड के आरोपियों के घर पर हमला बोल दिया था। वहां आरोपी संजय यादव व अन्य से भीड़ की भिड़ंत हो गई। मौके पर पहुंची 112 की टीम ने किसी तरह से संजय को उसके ही घर में बंद कर सुरक्षित किया। लेकिन बाहर मौजूद भीड़ आराेपियों को निकाल कर उनलोगों के हवाले कर देने की मांग कर रही थी। बाद में समझा बुझा कर ग्रामीणों को शांत कराया गया। पैक्स अध्यक्ष हत्याकांड में मुख्य गवाह था अविनाश ग्रामीणों ने बताया कि मृतक अविनाश का भाई रंधीर कुमार पैक्स अध्यक्ष चंदन यादव हत्याकांड का मुख्य गवाह है। मोकाही थाना में दर्ज कांड संख्या 82/22 इसे पुष्टि होती है। ग्रामीणों ने बताया कि मृत पैक्स अध्यक्ष और रंधीर के बीच चाचा और भतीजे का रिश्ता है। पैक्स अध्यक्ष की हत्या के बाद पुलिस ने उनके घर पर सुरक्षा की दृष्टिकोण से गार्ड की तैनाती की थी। जिसे दो माह पूर्व हटा लिया गया था। जिसके बाद से पैक्स अध्यक्ष हत्याकांड के आरोपियों ने उनके परिवार वालों पर मेल-मिलाप के लिए दबाब बनाना शुरू कर दिया था। इसी कड़ी में रंधीर पर भी पक्ष में गवाही गुजरने के लिए दबाब बनाया जा रहा था। जिसे नहीं मानने पर आरोपियों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि पैक्स अध्यक्ष हत्याकांड में आरोपी संजय यादव पहला नामजद था। जिसे पुलिस ने अनुसंधान में बरी कर दिया। छह आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी ग्रामीण ने बताया कि 9 माह पूर्व हुए पैक्स अध्यक्ष चंदन यादव हत्याकांड का रंधीर मुख्य गवाह है। उसपर लगातार मेल में गवाही गुजरने के लिए दबाब बनाया जा रहा था। लेकिन उसके नहीं मानने से ही भाई अविनाश की हत्या कर दी गई। मृतक की लाश देखकर ग्रामीण कह रहे थे कि इससे ज्यादा नृशंस हत्या हो नहीं सकती है। बताया जाता है कि अविनाश पर पहले ईंट से हमला किया गया।
इससे भी जब उसकी माैत नहीं हुई तो उसके पांव में बिजली का तार लपेट कर करंट लगाकर उसे मौत के घाट उतारा गया। उसके पांव जले हुए थे। एसपी अमितेश कुमार ने बताया कि ग्रामीण पूर्व के विवाद को वर्तमान की घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इसको लेकर थोड़ी देर के लिए विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न की गई थी। जो अब नियंत्रण में है। 6 लोगों को हिरासत में लिया गया है। आराेपी के रिश्तेदार के घर पर भी हुई तोड़फोड़ मक्का व्यवसायी अविनाश की हत्या की सूचना पाकर ग्रामीण काफी आग-बबूला हो गए थे। ग्रामीणों ने चिमनी भट्ठा के पास शंकर यादव के घर भी तोड़फोड़ की। उनके घर में लगे शीशे को भी ग्रामीणों द्वारा तोड़ दिया गया। घर में मौजूद महिलाओं ने बताया कि उनलोगों का इस घटना के आरोपियों के साथ कोई संबंध नहीं है। फिर पता नहीं ग्रामीणों ने उनलोगों के घर तोड़फोड़ क्यों की? डीएसपी से नहीं संभला मामला तो आए एसपी व्यवसायी हत्याकांड को लेकर ग्रामीण इतने उग्र थे कि कई थाने की पुलिस, इंस्पेक्टर व एसडीपीओ के नियंत्रण से भी मामला बाहर हो रहा था। इस वजह से एसपी अमितेश कुमार को खुद मोर्चा संभालने के लिए मौके पर आना पड़ा। एसपी के आने के बाद उग्र ग्रामीण शांत हुए। इसके बाद मृतक के लाश को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा और सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर पुलिस थाने निकल सकी।