खगड़िया:- बीते कई दिनों से ऊफान भर रही गंगा नदी में आए बाढ़ से जिले के तीन प्रखंड क्रमश: खगड़िया, गोगरी और परबत्ता प्रखंड के करीब एक लाख की आबादी प्रभावित है। हालांकि बाढ़ का पानी अभी कुछ ही जगहों पर लोगो के घरों में प्रवेश किया है। जबकि इन तीनों प्रखंड में चारों तरफ बाढ़ का पानी फैल चुका है। जिससे सबसे ज्यादा परेशानी अभी पशुपालकों को हो रही है। खेत डूब जाने से पशुपालकों को पशु चारा की व्यवस्था करने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है। बताते चलें कि अभी सबसे ज्यादा सदर प्रखंड के रहीमपुर दक्षिणी पंचायत सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। जबकि रहीमपुर मध्य पंचायत के भी तीन गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। स्थानीय लोगों ने बताया कि जलस्तर में इस तरह बढ़ोतरी होते रहेगी तो रहीमपुर उत्तरी के कई वार्ड जल्द डूब जाएगा। वहीं परबत्ता प्रखंड में नारायणपुर से गोगरी जीएन तटबंध के निचले इलाके के 6 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हो गया है। परबत्ता प्रखंड का सौढ़ दक्षिणी, लगार, तेमथा करारी, माधवपुर और कुहड़िया पंचायत के एक दर्जन से अधिक वार्डों में बाढ़ का पानी का प्रवेश कर चुका है। तेमथा करारी पंचायत के शर्मा टोला सहित अन्य तीन वार्ड के लोग पूरी तरह पानी से गिर चुके हैं। वहीं मुख्य सड़क से इस टोला का संपर्क टूट चुका है। सौढ़ दक्षिणी पंचायत के वार्ड नंबर 10 एवं 11 में फिलहाल लोग अपने घरों में ही कैद हैं। जबकि घर के चारों ओर जलमग्न है और कई घरों में पानी प्रवेश कर चुका है।
24 घंटे में जिले के प्रमुख नदियों का जलस्तर
सोमवार को पिछले 24 घंटे में जिला मुख्यालय के दक्षिण भाग स्थित गंगा नदी के जलस्तर में 25 सेंटीमीटर तथा बूढ़ी गंडक के जलस्तर में 15 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई। वर्तमान में गंगा नदी का जलस्तर लाल निशान से 61 सेंटीमीटर उपर तथा बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर लाल निशान से 25 सेंटीमीटर उपर बह रही है। जिला मुख्यालय के उत्तरी भाग स्थित कोसी का जलस्तर में 33सेमी वृद्धि हुई है। रामपुर, बौरना और दियारा के गांव पानी से घिरा
गोगरी प्रखंड के बाढ़ प्रभावित रामपुर, बौरना, और इटहरी पंचायत के कटघरा और भुरिया दियारा सहित कई गांव बाढ़ के पानी से घिर चुका है। रामपुर गांव के निचले हिस्से में बने कुछ घरों में सोमवार की सुबह गंगा का पानी पहुंच गया, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। ग्रामीण अब बाढ़ के कारण खुद के बेघर होने की बात से चिंतित हैं। मवेशियों के लिए चारे की किल्लत
लगार पंचायत के वार्ड संख्या 7, 8, 10 एवं 12 के कई घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। वहां मवेशियों के लिए चारे की भी किल्लत होने लगी है। बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखकर स्थानीय लोगों ने राहत शिविर खोलने का मांग की है। साथ ही प्रशासन से नौकाव्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की है।मौके पर जिला अधिकारी अलोक रंजन घोषणा ने बताया की बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र मे विधि व्यवस्था को लेकर अपने क्षेत्र मे पहुंच रहे हैं यथासंभव मदद किया जा रहा है बाढ़ से प्रभावित लोगों को तक की कोई दिकते का सामना नहीं नहीं करना पड़े।