खगड़िया/परबत्ता प्रखंड क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पदस्थापित बीसीएम रौशन कुमार पर आरोप लगाया गय है कि आशा फैसिलिटर मनोरम देवी ने अन्य कर्मी ने रौशन कुमार पर घुस मांगने एवं अभद्र भाषा का प्रयोग करने एवं सहकर्मियों से दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है। इधर सीएचसी प्रभारी डॉ कशिश ने भी इस मामले कि जानकारी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर दिया था। वही पत्र के आधार पर सीएस ने तीन सदस्यों का टीम गठित कर जाँच के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परबत्ता पहुचे थे। वही गुरुवार को जाँच टीम में शामिल अधिकारी डॉ विजय कुमार, डॉ नागेंद्र कुमार, डॉ मुकेश कुमार पहुचे आदि थे। वही मौके पर टीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परबत्ता में सभी पक्षों से पूछताछ किया है। वही मौके पर बीसीएम रौशन कुमार भी जाँच टीम के सामने उपस्थित हुऐ हैं। इधर जाँच टीम ने चिकित्सा प्रभारी डॉ कशिश द्वारा भेजे गए पत्र मैं दर्द सभी आप का अवलोकन किया गया। इधर मौके पर कुछ आशा फैसिलिटेटर से भी बयान लिया गया है। इधर जाँच टीम के सदस्य नरेंद्र कुमार ने बताया कि सभी पहलुओं की जांच की गई है। एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट सिविल सर्जन कार्यालय को सौंप दिया जाएगा. लेकिन मामला गंभीर है। वही जाँच रिपोर्ट के बाद ही आगे कि कार्यवाही किया जाएगा।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परबत्ता में प्रशव कि संख्या में कमी का आरोप इधर आशा कर्मीयों का आरोप है कि उनके द्वारा जमा किए गए दावा प्रपत्रो कि राशि काटकर भुगतान किया जाता है। इधर एएनएम रेनू देवी ने बताया कि बीसीएम के आने के बाद अस्पताल में प्रशव कि संख्या में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि बीसीएम ने सभी आशा आशा फैसिलिटेटर को निर्देश दिया है कि प्रशव अस्पताल के वजह निजी क्लिनिक या फिर प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाए ता कि वहाँ से मोटी रकम वसूली जाए। इधर रेनू देवी ने बताया कि मई माह अस्पताल में केवल 298 प्रशव किया गया है. जबकि लक्ष 600 है। वही चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर कशिश ने भी मन की अस्पताल में प्रसव कि संख्या काफी घटी है। इधर बीसीएम रौशन कुमार ने बताया कि हमारे ऊपर लगाए गए सभी आरोप वेबुनियाद है