खगड़िया जिले में मौसम के बदलते मिजाज से सिर्फ आम की बागवानी करने वाले किसानों को ही नहीं, बल्कि खाने वाले पर भी इस बार भारी पड़ने वाला है। कृषि वैज्ञानिकों और किसानों का अनुमान है कि इस साल आम के उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। किसानों को लाखों के नुकसान की आशंका है। पिछले साल थोक बाजार में मालदह आम 25 से 30 रुपए किलो बिका था, इस साल कीमत 35 से 40 रुपए किलो होने का अनुमान है। आम के उत्पादन में कमी की मूल वजह मार्च में मौसम का अचानक गर्म होना है। गर्मी से आम के मंजर गिर गए। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में भी भीषण गर्मी पड़ रही है। इसलिए ज्यादातर टिकोले पीले पड़ गए। अचानक तापमान कम होने के कारण भी टिकोले कम आए। बता दें कि मालदह और जर्दालु बिहार के आम की प्रीमियम वेरायटी है और बाजार में दोनों की सर्वाधिक मांग है। मौसम की मार इन दोनों वेरायटी पर भी पड़ी है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ अनीता कुमारी ने बताया कि किसानों को अब सारी ऊर्जा इस बात पर लगानी होगी कि जो टिकोले बचे हैं, वे अब गिरे नहीं। तापमान अधिक होने पर साप्ताहिक सिंचाई ही उपाय है। इससे फल बचेंगे और गुणवत्ता भी बेहतर होगी। आम के उत्पादन में लगातार तीन वर्षों में गिरावट दर्ज की जा रही है। इसकी मूल वजह तापमान में भारी उतार-चढ़ाव ही है।

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