खगड़िया जिले में बेखौफ हो रहा 200 एवं इससे अधिक फर्जी नर्सिंग होम का संचालन, कार्रवाई करने के बदले बिना निबंधन देने मे लगे हैं कार्यलय बताते चले की इन दिनों जिले में फर्जी तरीके से बिना निबंधन, डॉक्टर औैर ऑपरेशन थियेटर के ही धड़ल्ले से नर्सिंग हाेम का संचालन किया जा रहा है। जिले में जिलेभर में करीब 200 फर्जी नर्सिंग होम का कारोबार फल-फूल रहा है। अवैध नर्सिंगहोम के खिलाफ कार्रवाई करने के बदले स्वास्थ्य विभाग औैर जिला प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठी है। इसका फायदा उठाते हुए मरीजों की जिंदगी से खेल रहा है जिले में संचालित अवैध नर्सिंग हाेम। वही खगड़िया नहीं सभी प्रखंड के क्षेत्र मे यहीं से गोरखधंधा का खेल शुरू हाे गया। पीएचसी में तैनात एएनएम और आशा ने डिलीवरी से पहले अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए भेजता है। जहां अल्ट्रासाउंड सेंटर ने गलत रिपोर्ट देता । रिपोर्ट के आधार पर एएनएम ने बच्चा उल्टा होने का हवाला देते हुए डिलीवरी के लिए आई महिला के पति को ऑपरेशन कराने की बात कहते हुए पीएचसी से रेफर कर दिया गया। महिला के पति परेशान हाेकर प्रसूता काे लेकर नर्सिंग होम में ले जाते जहां नॉर्मल डिलीवरी होता है। पीएचसी में तैनात एएनएम और आशा सहित अल्ट्रासाउंड सेंटर की शिकायत करते हुए. फर्जी नर्सिंग होम और अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालन में मिलीभगत और कमीशनखोरी का आरोप अलौली,परबत्ता,बेलदौर,गोगरी,चौथम प्रखंड वैसे तो कई दृष्टिकोण से पिछड़ा इलाका है, जहां स्वास्थ्य सेवाओं का भी बुरा हाल है। ऐसे में अलौली, परबत्ता, बेलदौर, गोगरी,चौथम प्रखंड में जगह-जगह बिना निबंधन और प्रशासनिक अनुमति के फर्जी नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउंड सेंटर और जांच घरों की भरमार है। ऐसे नहीं है कि स्थानीय चिकित्सा प्रभारी को इसकी जानकारी नहीं है। मगर जानकारी के बावजूद वे ऐसे मामलों में कार्रवाई करने में लाचारी जाहिर करते हैं। बताया जाता है कि अस्पताल कर्मियों के मिलीभगत और कमिशन की सेंटिंग के बल पर अलौली,परबत्ता,बेलदौर,गोगरी,चौथम प्रखंड इलाके में करीब दो दर्जन ऐसे अवैध संस्थाओं का संचालन हो रहा है। जिसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती है। इतना ही नहीं संचालक ने कहा-मेरा क्या ? यहां किसी जांच घर डॉ व अल्ट्रासाउंड रेडियोलॉजिस्ट मानक के अनुसार नहीं है पूरा है. जब अल्ट्रासाउंड संचालन को लेकर मानक पूरा करने की जानकारी ली गई तो संचालक ने बताया कि मेरा क्या, यहां किसी भी जांच घर मे डॉ और अल्ट्रासाउंड सेंटर रेडियोलॉजिस्ट का नहीं हैं। जबकि गलत अल्ट्रासाउंड टेक्नीशियन के गलती के कारण रिपोर्ट में गतल दे दिया जाता है। मौके पर जिला परिषद जयप्रकाश यादव ने बताया की किसी जाँच घर मे डॉ नहीं है ओर जब की अल्ट्रासाउंड सेंटर रेडियोलॉजिस्ट नहीं इतना ही नहीं अधिक फर्जी नर्सिंग होम का संचालन पर कार्रवाई करने के बदले निबंधन देने मे लगे हैं सिविल सर्जन।

Gurudev kumar

Editor-in-chief

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