खगड़िय जिले के परबत्ता प्रखंड क्षेत्र मे गंगा नदी पर निर्माणाधीन अगुवानी सुल्तानगंज महासेतु के पाया नंबर नौ के पास बीते गुरुवार को आंधी के दौरान सीढ़ी पर से उतरने के क्रम में इंजीनियर नीलेश कुमार की मौत हो गई। वे कवेला गांव के रहने वाले थे। शुक्रवार की शाम शव पोस्टमार्टम के बाद शव पहुंचने पर कबेला के ग्रामीणों एवं मृतक के स्वजनों ने एसपी सिगला के बेस कैंप (जो श्रीरामपुर ठुठ्ठी एवं डुमरिया बुजुर्ग गांव के बीच स्थित है) के गेट पर शव को रखकर गेट और महेशखूंट व अगुवानी पथ को जाम कर दिया है। मृतक के स्वजन कई तरह के आरोप लगाते रहे महासेतु निर्माण कार्य को अंजाम दे रहे एसपी सिगला कंपनी के अधिकारियों पर लगा रहे हैं। स्वजनों का कहना था कि घटना के बाद उन्हें किसी तरह की सूचना नहीं दी गई। निलेश के पास जो मोबाइल था वह भी गायब है। इधर जब मृतक का शव लेकर लोग बेस कैंप के पास पहुंचे, तो कैंप के कर्मियों ने अंदर से गेट लगा दिया। जिस पर लोगों का आक्रोश भड़क उठा। मृतक के स्वजन समुचित मुआवजा और मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। समाचार प्रेषण तक जाम नहीं हटा था। सूचना पर परबत्ता थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार पाल, मड़ैया ओपी प्रभारी विजय सहनी, एक घंटे बाद परबत्ता सीओ अंशु प्रसून जाम स्थल पर पहुंचे हैं। सीओ अंशु प्रसून ने बताया कि मृतक इंजीनियर के स्वजन आक्रोशित हैं। एसपी सिगला कंपनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आलोक कुमार झा को वार्ता करने के लिए बुलाया गया है। इधर महेशखूंट व अगुवानी पथ तीन घंटे रहे जाम प्रशासन बना मुखदरसी।

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