खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड के माधवपुर पंचायत अंतर्गत मुरादपुर गांव में सोमवार को कई थानाें की पुलिस के साथ सीओ चंदन कुमार ने सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाया। मुरादपुर निवासी अवधेश झा के द्वारा हाईकोर्ट में दायर वाद संख्या सीडब्ल्यूजेसी 4531/2021 में पारित आदेश के अनुपालन के आलोक में अतिक्रमण हटाने के लिए आवेदन दिया था। हाईकोर्ट के आदेश तथा आवेदक के इस आवेदन के अनुपालन के लिये सोमवार को परबत्ता सीओ के नेतृत्व में परबत्ता, मड़ैया, पसराहा आदि थाना के पुलिस बल के साथ मुरादपुर गांव पहुंचे। बताते चलें कि मुरादपुर गांव निवासी अवधेश झा के द्वारा दायर वाद में कहा गया कि परबत्ता अंचल के मौजा माधोपुर करारी खाता 384, खसरा 1451, रकवा 2 बीघा 18 कट्ठा,18 धूर जमीन जो आम रास्ता था। उसे गांव के 22 व्यक्तियों ने अतिक्रमण कर लिया तथा उक्त जमीन पर अतिक्रमण किये 22 लोगों में से किसी ने पक्का मकान, शौचालय,चहारदीवारी, खपरैल का घर, टिन का घर आदि का निर्माण कर रखा है। इन सभी परिवारों को अंचल कार्यालय परबत्ता के द्वारा नोटिस देकर बताया गया कि इनका मकान गैरमजरूआ आम सड़क की जमीन पर आंशिक या पूर्ण रूप से अवस्थित है। इन सभी परिवारों को नोटिस देकर अपना पक्ष रखने के लिए तिथि निर्धारित की गई थी। यह तिथि 29 अक्टूबर 2022 को निर्धारित थी लेकिन अधिकांश परिवारों ने छठ त्योहार का हवाला देते हुए इसे आगे बढ़ाने हेतु आग्रह किया था। इस परिपेक्ष में अंचल कार्यालय ने कुछ दिनों की मोहलत दे दिया। इस बीच कुछ परिवारों ने स्थिति से समझौता करने का मन बनाया। वहीं कुछ परिवारों ने पैरवी या अन्य साधनों के उपयोग में लग गये।

अतिक्रमण के कारण गांव में छोटी गाड़ियों का प्रवेश भी मुश्किल

अंचल प्रशासन का कहना है कि कोर्ट के निर्देशानुसार विधिवत कार्रवाई शुरू की गई है। इसमें पीड़ित पक्ष को अपना पक्ष रखने तथा कानूनी तौर पर इसका सामना करने का पूरा अधिकार है। बताते चलें कि यदि इस कार्रवाई को आगे जारी रखा गया तो कुछ परिवारों का पूरा घर टूट जाएगा। जबकि कुछ लोगों का केवल चहारदीवारी आदि टूटेगा। ग्रामीणों का कहना है कि विगत कई दशकों से सड़कों का अतिक्रमण कर इसे संकरा बना दिया है। अब स्थिति ऐसी आ गई है कि गांव में बहुत मुश्किल से छोटी गाड़ियां प्रवेश कर पाती हैं। इस अतिक्रमण के परिणामस्वरूप गांव में फार लगी हुई ट्रैक्टर का प्रवेश बंद हो गया था। ट्रैक्टर वालों को गांव के बाहर ही अपना फार खोलकर रखना होता था। इसका समाधान नहीं हुआ तो आने वाले समय में लोगों को गांव में पैदल आने की मजबूरी ही बचेगी। इस कार्रवाई में पीड़ित पक्षों के संभावित विरोध की आशंका को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पुलिस बल में पर्याप्त संख्या में महिला पुलिस को तैनात किया था। इस कार्रवाई को लेकर रविवार को प्रशासन के द्वारा उद्घोषणा भी कराई गई थी। इस कार्रवाई में माधवपुर की सरपंच प्रीति झा का घर तथा सामने बनाया गया उनका निजी कार्यालय भी अभियान की जद में आया है।

याचिका में अतिक्रमण संबंधी लगाया आराेप

याचिकाकर्ता अवधेश कुमार झा ने न्यायालय में दायर याचिका में सड़क की जमीन का अतिक्रमण करने संबंधी आरोप लगाते हुए प्रशासन को इसको हटाने के लिए निर्देशित करने की मांग की थी। हालांकि हाईकोर्ट ने इस परिवाद पर कोई स्पष्ट आदेश देने से इनकार करते हुए जिला तथा अंचल प्रशासन को नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए परिवाद को समाप्त कर दिया। इस परिवाद में दिए गए निर्देश के आलोक में याचिकाकर्ता ने अंचल प्रशासन से कार्रवाई की मांग की। अंचल प्रशासन ने अंचल अमीन भेजकर इन आरोपों का सत्यापन कराया। इस सत्यापन में 22 लोगों का मकान अथवा चहारदीवारी को अतिक्रमण माना गया। इसके बाद अतिक्रमण वाद दर्ज कर इन सभी 22 लोगों को अपने खर्चे से तोड़कर हटाने का नोटिस जारी किया गया।

अंचल कार्यालय द्वारा पूर्व में सरपंच समेत 22 लोगों को भेजा गया था नोटिस
अंचल कार्यालय परबत्ता के द्वारा जारी नोटिस के अनुसार मौजा माधवपुर करारी का 384 खाता तथा खेसरा संख्या 1451 में 2 बीघा 18 कट्ठा 18 धूर जमीन को इन लोगों के द्वारा अधिक्रमित कर लिया गया है। जिन 22 लोगों को नोटिस जारी किया गया है। उसमें माधवपुर ग्राम कचहरी की सरपंच प्रीति झा, उनकी पुत्री सोनाली झा, अधिवक्ता धीरेंद्र झा, रमाकांत शर्मा, कमलेश्वरी दास, शिवशंकर झा, लाल बिहारी दास, विनोद दास, विनय झा, कुमोद साह, किरो तांती, कपिल शर्मा, गरीब साह, वाले यादव समेत कई अन्य लोग शामिल है। पीड़ित पक्ष के लोगों का कहना है कि उनका जो घर या चहारदीवारी आदि बना हुआ है। उनके जन्म से पूर्व का ही बना हुआ है। ऐसी जानकारी मिल रही है कि मुरादपुर गांव के अधिकांश लोगों का निवास गैरमजरूआ आम जमीन पर ही बना हुआ है। लेकिन अंचल प्रशासन के द्वारा केवल 22 लोगों को चिह्नित कर नोटिस दिया जाना ठीक नहीं है। पीड़ित पक्ष के लोगों ने बताया कि गोगरी नारायणपुर बांध के बाहर अवस्थित इस मुरादपुर गांव में प्रतिवर्ष यहां रहने वाले को बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ती है।इन सब कठिनाइयों के बावजूद कहीं सुरक्षित स्थान पर नहीं बसने की मजबूरी को समझते हुए अंचल प्रशासन को कार्रवाई करना चाहिए।

Gurudev kumar

Editor-in-chief

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here