खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के क्षेत्र पीरनगरा गांव स्थित मरिया धार ड्रेनेज पर बना स्टील का पुल आज खतरे को आमंत्रण दे रहा है। जान हथेली पर रखकर वाहन चालक इस पुल पर आवाजाही करते हैं। महज 10 साल पहले 65 लाख की लागत से बना यह पुल की हालत अब जर्जर है। पीरनगर के ग्रामीण विभाग और संवेदक की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल खगड़िया (अब गोगरी) की ओर से 2012 में काली कोसी की उपधारा मरिया धार ड्रेनेज पर स्टील पुल का निर्माण कराया गया था, जिसकी लंबाई 40 मीटर है। तत्कालीन सांसद दिनेश चंद्र यादव के सांसद निधि से पुल का निर्माण हुआ था। दोनों ओर एप्रोच पथ बेलदौर विधायक पन्नालाल सिंह पटेल की विधायक निधि से बनवाई गई थी। “आरोप-पुल निर्माण की गुणवत्ता में नहीं रखा ख्याल” पीरनगरा के ग्रामीण स्टील पुल को सौगात के रूप में मान रहे थे क्योंकि पहले पीरनगरा गांव दो भागों में बंटा हुआ था। पुल बनने के बाद गांव एक हो गया। अब जर्जर पुल पर ग्रामीण आवाजाही करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक ने पुल निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा। निर्माण कार्य के पांच साल के बाद ही यह जवाब देने लगा। जंग लगकर पुल का रेलिंग टूट गया है। चार साल से एप्रोच पथ के दोनों छोर पर बने रेन कट से चार पहिया वाहन की आवाजाही बंद है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। ट्रैक्टर चालक जान जोखिम में डालकर अवश्य पुल पार करते हैं। वहीं ग्रामीण दूसरे रास्ते से दो किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर आते-जाते हैं। “कार्यपालक अभियंता बोले-करवाई जाएगी जांच” शिक्षक नेता ब्रजेश कुमार ने बताया कि जर्जर पुल की मरम्मत में विभागीय पदाधिकारी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। जिसका खामियाजा पीरनगरा के पांच हजार से अधिक लोग भुगत रहे हैं। इधर, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल गोगरी के कार्यपालक अभियंता अखिलेश प्रसाद ने बताया कि उक्त स्टील पुल को लेकर जानकारी नहीं है। जानकारी ली जा रही है। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

Previous articleउच्च विद्यालय कन्हैयाचक परबत्ता मे शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथा वाचिका आदरणीय कंचन दीदी
Next articleशिव महापुराण कथा के अंतिम दिन कथा वाचिका कंचन दीदी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here