खगड़िया जिले परबत्ता नगर पंचायत के उच्च विद्यालय के मैदान मे शिव महापुराण कथा के अंतिम दिन कथा वाचिका आदरणीय कंचन दीदी जी ने सृष्टि प्रकरण के बारे में बताते हुए कही, कैसे परमात्मा सृष्टि की रचना करके विभिन्न युगों को रचते हैं दीदी ने युगों के बारे में बताते हुए कहीं भगवान ने 4 युगों की रचना की  सतयुग ,त्रेतायुग ,द्वापरयुग और कलयुग।सतयुग के बारे में विवेचना करते हुए दीदी जी ने बताई कि जब धरा पर सतयुग था तब मानव देव समान था ।वहां ना कोई रोग,ना कोई शोक, ना कोई चिंता हरेक का जीवन खुशहाल था हर एक मानव 16 कला संपूर्ण था संपूर्ण निर्विकारी था मर्यादा पुरुषोत्तम था उसके बाद त्रेतायुग आया जहां श्री राम का जन्म हुआ और यह भी दैवी दुनिया थी जहां 33 करोड़ देवी देवताओं का गायन है धीरे-धीरे समय बदला और  द्वापर युग आ गया द्वापर युग में मानव के कर्मो  थोड़ा गिरावट आने लगी उसे दुख की अनुभूति होने लगी और सबसे पहला द्वापर युग में भगवान सोमनाथ का मंदिर बना कर राजा विक्रमादित्य ने पूजा करना शुरू किया लेकिन द्वापर युग की भक्ति में बहुत शक्ति थी उसके बाद भक्ति में भी गिरावट आई और संसार कलयुग में कन्वर्ट हो गया कलयुग में मानव के अंदर कोई कला नहीं रहा हर एक मानव कला विहीन हो गया और यहां की भक्ति में भी शक्ति नहीं रही किंतु इस कलयुग के अंत और सतयुग के आदि का जो समय है जिसको संगम युग कहा गया है इस समय पर भगवान शिव धरा धाम पर अवतरित होकर संसार को पुनः कलयुग से सतयुग बनाने का कार्य कर रहा है। आज की आरती में परबत्ता प्रखंड विकाश पाधिकारी अखिलेश कुमार, परबत्ता नगर पंचायत चेयरमैन अर्चना देवी, पूर्व सरपंच योगेंद्र साह, सुमन कुमार, नित्यानंद पोद्दार, नीतेश यादव, रामबालक सिंह, बिलास साहनी, पुष्पलता देवी, चंद्रशेखर साह आदि अतिथि शामिल हुए।

Gurudev kumar

Editor-in-chief

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