खगड़िया जिले के गोगरी सेना के जवान चंदन कुमार का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके पैतृक गांव शिशवा पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिये भीड़ उमड़ पड़ी. उल्लेखनीय है कि चंदन जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में कार्यरत थे. सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि सात माह पूर्व ड्यूटी के दौरान बर्फ में दबने से उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी. जिसके बाद उनका आर्मी अस्पताल में इलाज कराया गया और फिर बेहतर इलाज के लिए उन्हें दिल्ली लाया गया. जहां इलाज के दौरान शनिवार की देर रात उनका निधन हो गया. सेना के जवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाये जाने के दौरान उनके अंतिम दर्शन के लिये गोगरी, महेशखूंट, शिशवा सहित आसपास क्षेत्रों में पलकें बिछाए बैठे थे. वहीं बाइक सवार युवा अपने-अपने हाथों में तिरंगा लिये शहीद चंदन कुमार अमर रहे, भारत माता की जय जैसे नारा लगाते नजर आये. इस दौरान परबत्ता अगुवानी-महेशखूंट मुख्य सड़क के दोनों ओर खड़े लोग शिशवा के वीर सपूत के अंतिम दर्शन को ललायित दिखे. अगुवानी गंगा के किनारे श्मशान घाट में शहीद का अंतिम संस्कार सैनिक सम्मान के साथ किया गया. बड़े भाई श्रीराम कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी. इसके पूर्व लायंस सूबेदार के नेतृत्व में दानापुर से पहुंचे जवानों ने जवान को अंतिम सलामी दी. साथ ही सेना की टीम ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. मौके पर गोगरी के प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि संजय यादव, मुखिया प्रतिनिधि अमर यादव, ब्रजेश यादव, पूर्व पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि दीनबंधु कुमार सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे. गोगरी के थानाध्यक्ष रणजीत कुमार, द्वितीय थानाध्यक्ष राजीव कुमार सहित अन्य लोगों ने जवान के पार्थिव शरीर पर फूल माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित किया।

पत्नी, मां और बहन बेसुध

जवान चंदन कुमार का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. वहीं जवान की पत्नी पूजा देवी, मां प्रमिला देवी और बहन रह-रह कर बेसुध हो जा रहीं थीं. वहीं बड़े भाई दिवाकर कुमार और श्रीराम कुमार के आंखों के आंसू थम नहीं रहे थे. पिता रामबहादुर यादव का भी रो-रोकर बुरा हाल था. गौरतलब है कि सेना के जवान चंदन की शादी इसी वर्ष 20 अप्रैल को हीराटोल में हुई थी और उनके ससुराल में भी गम का आलम है।

Gurudev kumar

Editor-in-chief

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