खगड़िया /बेलदौर ग्राम पंचायत से कटकर नवगठित नगर पंचायत बेलदौर में शामिल हुए 15 हजार की आबादी शहरी व्यवस्थाओं के लाभ से अब तक वंचित हैं। जबकि 12 माह पूर्व नगर की सरकार चुनी गई, मगर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं हो पाया है। ऐसे में ग्राम पंचायत के भीतर मिलने वाले लाभ से वंचित होना ही पड़ा, अब शहरी क्षेत्र के लोगों को मिलने वाले लाभ से वंचित हैं। बेलदौर नगर पंचायत के 14 वार्ड की आबादी को पीएम आवास योजना से भी वंचित होना पड़ रहा है। शहरी क्षेत्र के लोगों को न तो स्वच्छ पेयजल नसीब हो रहा है और न आरटीपीएस सेवाओं का लाभ मिल रहा है। प्रमाणपत्रों के लिए नगरवासियों को 33 किलोमीटर दूर गोगरी अनुमंडल मुख्यालय स्थित नगर परिषद कार्यालय जाना पड़ता है। इसके अलावा अन्य सभी आवश्यक जन सरोकार से जुड़े कार्य और विकास योजना बिल्कुल ही ठप पड़ा है। यहां की मूलभूत समस्या जस की तस बरकरार है, जिससे अलग-अलग वार्डों के लोग परेशान हैं। दरअसल, बेलदौर नगर पंचायत को अबतक स्थाई रूप से नगर कार्यपालक पदाधिकारी नहीं मिल पाया है। फिलहाल बेलदौर के बीडीओ सतीश कुमार नगर कार्यपालक के प्रभार में हैं। नगर के चेयरमैन ममता कुमारी ने कहा कि नगर प्रशासन की लापरवाही से यहां विकास कार्य अवरूद्ध पड़ा है। प्रशासनिक सुस्ती के कारण योजनाओं को धरातल पर उतारने में दिक्कत हो रही है। जल निकासी के लिए तैयार किया जा रहा डीपीआर : प्रभारी ईओ नगर के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि सभी 14 वार्डों में जलनिकासी के ठोस उपाय के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है। जिसे विभाग को स्वीकृति हेतु भेजा जाएगा। विभागीय स्वीकृति मिलने पर उस दिशा में काम कराया जाएगा। उन्होंने आरटीपीएस काउंटर चालू कराने की बात कही। मगर मंगलवार को बेलदौर बस्ती के कचहरी अवस्थित आरटीपीएस काउंटर पर ताला लटका मिला।