खगड़िया नेपाल की तराई में हो रही लगातार बारिश से जिले की प्रमुख नदियों कोसी, बागमती, गंगा और बूढ़ी गंडक उफना गई है। पिछले 24 घंटे में गंगा और बूढ़ी गंडक के जलस्तर में 10-10 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि उक्त दोनों नदी अभी डेंजर लेवल से नीचे है, मगर इसी तरह वृद्धि होता रहा तो जल्द ही जिले की बड़ी आबादी बाढ़ के चपेट में आ जाएगी। इधर, डेंजर लेवल से ऊपर बह रही कोसी और बागमती के जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि दर्ज की जा रही है। जिससे नदियों के किनारे बसे गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। हालांकि जिले में अभी बाढ़ से कोई भी गांव पूरी तरह से प्रभावित नहीं है। मगर बढ़ते जलस्तर और कटाव के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। निचले इलाके में पानी फैलने से खासकर पशुपालकों की परेशानी बढ़ गई और खेत में लगी फसलें डूबने लगी है। बुधवार को कोसी और बागमती नदी के जलस्तर में 6-6 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई। वतर्मान में कोसी का जलस्तर डेंजर लेवल से 1.54 मीटर अधिक और बागमती का जलस्तर 2.20 मीटर अधिक है। इसके साथ बागमती के किनारे बसे अलौली प्रखंड के कई इलाकों में पानी फैलने लगा है। जिसे देखते हुए अनुमंडल प्रशासन से कई जगहों पर सरकारी नाव चलाए जाने की बात कही है। बुधवार को बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने अलौली पहुंचे सदर अनुमंडलाधिकारी अमित अनुराग ने हथवन, शहरबन्नी, फुलतौड़ा एवं गढ़ घाट में लोगों के आवागमन के लिए नाव चलाने का निर्देश सीओ को दिया। एसडीओ ने बताया कि नदी का पानी फैलने से जहां भी आवागमन में परेशानी है, वहां नाव की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जलस्तर में और भी वृद्धि होती है तो मुश्किलें बढ़ेगी। बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन की ठोस तैयारी है।

Gurudev kumar

Editor-in-chief

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