बिहार के खगड़िया व भागलपुर में गंगा पर बन रहा अगुवानी व सुल्तानगंज फोरलेन पुल का एक हिस्सा रविवार को नदी में समाहित हो गया। नदी में पिलर संख्या 9-13 के बीच बना पुल का सुपर स्ट्रक्चर भर भरा कर गिर गया। पुल का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका था। 1710 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी साल दिसंबर में करने वाले थे।

बता दें कि 2014 में नीतीश कुमार ने इस पुल का शिलान्यास किया था। पुल को 2019 में तैयार हो जाना था, लेकिन 2019 से अब तक 8 बार इसके उद्घाटन के डेडलाइन को बढ़ाया जा चुका है। इससे पहले अप्रैल 2022 में पुल के पिलर नंबर-5 का सेगमेंट गिरा था। तब इसकी वजह आंधी-तूफान को बताया गया था। उसके बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए।

पहली बार पुल का स्ट्रक्चर गिरने के बाद IIT मुंबई, IIT रुड़की , NIT पटना पुल निर्माण निगम की टीम 12 बार जांच के लिए स्पॉट पर पहुंची। हालांकि, जांच में क्या निकला…इसका रिपोर्ट आज तक सामने नहीं आ पाया है और न ही अभी तक इसके दोषी का पता चल पाया है।

अब 5 सवाल में समझिए पुल की गड़बड़ी और सरकार के एक्शन की पूरी कहानी

1). क्या पुल का निर्माण अब रुक जाएगा या नए सिरे से शुरू होगा?

घटना के बाद सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को एक हाई लेवल मीटिंग की। उन्होंने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि तीन महीने के भीतर नए सिरे से पुल का डिजाइन और डीपीआर तैयार कराकर इसका टेंडर जारी किया जाएगा।

2). एजेंसी के खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी?

घटना के बाद पथ निर्माण विभाग के सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि निर्माण एजेंसी एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ी तो कांट्रैक्टर को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा।

3). 14 महीने में दो बार गिरा पुल, पहला हिस्सा गिरने पर सरकार ने क्या एक्शन लिया था?

पथ निर्माण मंत्री और डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने बताया कि पुल का स्ट्रक्चर पहली बार गिरने के बाद IIT रुड़की, IIT मुंबई और NIT पटना से पूरे मामले की जांच कराई गई थी। तेज हवा के कारण पुल के गिरने की बात सामने आई।

उन्होंने अपनी जांच में पुल की डिजाइन पर सवाल उठाए थे। पूरे ब्रिज के जांच की बात कही थी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर पिलर नंबर-5 के सभी सेग्मेंट को तुड़वा दिया गया था। इसके बाद सरकार सभी पिलर्स और इसकी डिजाइन की जांच IIT रुड़की से करवा रही थी। इसी बीच 14 महीने बाद रविवार को दोबारा ये घटना घटी।

घटना के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि निर्माणाधीन पुल के स्ट्रक्चर के गिरने की आशंका पहले ही जताई थी। उन्होंने स्ट्रक्चर गिरने पर कहा कि जो आशंका जताई थी, वह सही साबित हुई।

4). पुल के गिरने से हुए नुकसान की भरपाई कौन करेगा?

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि जो भी स्ट्रक्चर तोड़वाया गया है, उसका जो नुकसान हुआ है, उसका बोझ सरकार पर नहीं आया है। ये कांट्रैक्टर पर आया है। आगे जो भी नुकसान होगा…वो पूरा कांट्रैक्टर के ऊपर आएगा।

5). एक और जांच होगी, इसकी रिपोर्ट कब तक आएगी?

पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर पूरे मामले की जांच रिपोर्ट सामने आ जाएगी।

दो बार विधानसभा में पुल की गुणवत्ता पर उठ चुका है मुद्दा

इस पुल का मुद्दा दो बार विधानसभा में उठा चुका है। पहले एक मार्च 2022 को और 13 मार्च 2023 को इससे संबंधित सवाल विधानसभा में पूछे गए थे। उस समय तेजस्वी यादव ने कहा था कि इस पुल की डिजाइन को लेकर शंका थी। इसकी डिजाइन की जांच पूरी कराने के बाद ही आगे बढ़ने का फैसला लिया गया था। तेजस्वी के मुताबिक, नवंबर 2022 में समीक्षा बैठक में उन्होंने निर्देश दिया था कि इसकी पूरी जांच होनी चाहिए ।

पुल के बन जाने से 60 KM कम हो जाएगी भागलपुर-खगड़िया की दूरी

गंगा पर बन रहे सुल्तानगंज-अगुवानी पुल भागलपुर और खगड़िया को जोड़ेगी। इस पुल के बनते ही दोनों जिलों के बीच की दूरी 60KM कम हो जाएगी। अभी लोगों को इसके लिए 90 KM की यात्रा करनी पड़ती है, लेकिन 3.16 KM का ये पुल बन जाने से ये दूरी मात्र 30KM की रह जाएगी।

Gurudev kumar

Editor-in-chief

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