खगड़िया जिले मे गर्भधारण के साथ ही हर महिला में सुरक्षित प्रसव व स्वस्थ बच्चे की मां बनाने का सपना होता है। लेकिन इसके लिए गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत एवं सतर्क रहने की जरूरत है। तभी सुरक्षित प्रसव और स्वस्थ बच्चे का जन्म होगा। इसके लिए शरीर में उचित आयोडीन की मात्रा हो इसको लेकर सजग रहने की जरूरत है। दरअसल, आयोडीन की कमी से गर्भस्थ शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है। इसलिए, स्वस्थ बच्चे के जन्म के लिए शरीर में पर्याप्त आयोडीन का होना जरूरी है। उक्त जानकारी देते हुए परबत्ता सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. धर्मेंद्र कुमार चौधरी आयोडीन की कमी से होती है कई परेशानी
आयोडीन एक पोषक तत्व है। जिसकी कमी से लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। जैसे कि, नींद अधिक आना, श्वास व हृदय से संबंधित परेशानी, डिप्रेशन, जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द आदि की परेशानी आयोडीन की कमी से ही होती है। इसलिए, भले ही शरीर में आयोडीन अल्पमात्रा में ही जरूरी है, लेकिन कमी होने पर बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। व्यस्कों के लिए सामान्यतः प्रतिदिन 150 माइक्रोग्राम (एमसीजी) आयोडीन की आवश्यकता होती है। जबकि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रति दिन 200 एमसीजी जरूरी है। आयोडीन का सेवन करना बहुत जरूरी शरीर में आयोडीन की कमी का महसूस होते ही तुरंत चिकित्सकों से जांच करानी चाहिए और चिकित्सा परामर्श के अनुसार ही आगे की प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। इसका शुरुआती लक्षण है, शुष्क त्वचा, बालों का झड़ना, बोली में भारीपन समेत शरीर में अन्य परेशानी महसूस होना। इसलिए, आहार के साथ उचित आयोडीन का सेवन करना जरूरी है।मौके सिविल सर्जन ने बताया की कोई दिक्कत या समस्या हो तो तुरंत स्थानीय सीएचसी एवं उप स्वस्थ केंद्र से संपर्क करने और डॉ से सलाह लेने की जरुरत है।